हाँ मैँ गरीब का बेटा हूँ...
जिँदगी का हर सितम मैँ सह लेता हूँ
मजबूरियोँ मेँ भी खुश रहता हूँ
चंद टुकड़ोँ से पेट भर लेता हूँ..
क्यूँकि मैँ गरीब का बेटा हूँ
ठण्डी मेँ ठिठुर लेता हूँ बरसात मेँ भीग लेता हुँ
गरमी पाँव जलाती है तो पत्थरोँ पे मैँ सो लेता हूँ
क्यूँकि मैँ गरीब का बेटा हूँ
बच्चा बोला देख कर मस्जिद आलीशान, अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान.- निदा फाजली